सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्मचारियों को राहत देने वाला एक बड़ा फैसला सुनाया है. अब ऐसे कर्मचारी जोकि कर्मचारी पेंशन योजना के तहत मिलने वाली पेंशन प्राप्त करने के हकदार थे लेकिन उन्हें यह हक़ नहीं मिल पा रहा था, सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें राहत प्रदान की है. आइये जानते हैं कि पूरा मामला क्या था और सुप्रीम कोर्ट ने किस तरह से उनके लिए राहत प्रदान करने वाला फैसला सुनाया है.

मामला क्या है
दरअसल, सन 2014 में सरकार द्वारा कर्मचारी पेंशन योजना का शुभारंभ किया गया था, जिसके तहत अधिकतम पेंशन योग्य वेतन की सीमा 15,000 रूपये निर्धारित की गई थी. इसका मतलब यह है कि कर्मचारी की मासिक आय चाहे कितनी भी हो उन्हें पेंशन 15,000 रूपये प्रतिमाह वेतन की गणना के अनुसार से ही प्रदान की जाएगी. इसके बाद कोर्ट में इस सीमा को हटाने को लेकर केस चल रहा था.
कहां से शुरू हुआ विवाद
इस मामले को आप इस तरह से भी समझ सकते हैं कि जब किसी कर्मचारी को नौकरी मिलती है तो उनका ईपीएफओ अकाउंट खोला जाता है. इसके बाद वह कर्मचारी अपने कुल मासिक वेतन का 12 प्रतिशत ईपीएफ खाते में जमा करता है. कंपनी द्वारा भी उसे उतना ही वेतन प्रदान किया जाता है. लेकिन मूल रूप से यह 8.33 प्रतिशत हिस्सा ही जाता है. ऐसे में यदि कर्मचारी पेंशन योजना में निर्धारित की गई सीमा को हटा दिया जाता है तो कर्मचारी का मूल वेतन 20 हजार हो जायेगा और उन्हें मिलने वाली पेंशन की राशि भी बढ़ जाएगी. इसलिए इस पर विवाद उसी समय से चला आ रहा है. विवाद के चलते ऐसे कर्मचारी जिन्हें इस योजना का लाभ मिलना चाहिए था वे भी इसका उपयोग नहीं कर सके.
अदालत में कार्यवाही
केरल, राजस्थान एवं दिल्ली के उच्च न्यायालयों में पेंशन की सीमा को लेकर याचिका दर्ज की गई थी. तब से अदालत में यह मामला चल रहा है. उच्च न्यायालयों के फैसले के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानि ईपीएफओ एवं केंद्र ने मिलकर उच्च न्यायालयों के फैसले को चैलेंज किया. तब से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने सन 2019 में उच्च न्यायालयों द्वारा सुनाये गए फैसले के खिलाफ ईपीएफओ यानि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा जो याचिकाएं दी गई थी पहले तो उसे खारिज कर दिया. लेकिन सन 2021 में इस पर पुनर्विचार करने का फैसला लिया. और इस पर फिर से सुनवाई शुरू हो गई. हालही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
लंबे समय से चल रही कर्मचारी पेंशन योजना की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाया गया फैसला कर्मचारियों के लिए राहत देने वाला है. जी हां सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश यू. यू. ललित, न्यायमूर्ति अनुरुद्ध बोस एवं सुधांशु धूलिया की पैनल ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि ऐसे कर्मचारी जोकि अब तक कर्मचारी पेंशन योजना के तहत पेंशन प्राप्त करने के लिए आवेदन नहीं कर पाएं है या इसका उपयोग उन्होंने अब तक नहीं किया है तो उन्हें 6 महीने का और मौका दिया जाता है. 6 महीने के अन्दर वे इसमें यदि शामिल होना चाहते हैं तो हो सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट का यह भी कहना है कि इस मामले में उच्च न्यायलयों द्वारा लिये गये फैसले स्पष्ट नहीं है. अतः सुप्रीम कोर्ट ने सन 2014 में शुरू की गई कर्मचारी पेंशन योजना में जो शर्त रखी गई थी कि कर्मचारियों का वेतन यदि 15,000 रूपये से अधिक होता है तो उन्हें 1.16 प्रतिशत का अतिरिक्त योगदान देना होगा. उसे अमान्य करार दे दिया है. और योजना की इस शर्त को अगले 6 महीने के लिए निलंबित भी कर दिया है.
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