बेटियों के भविष्य को संरक्षित करने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ साल पहले एक योजना की शुरुआत की थी जिसका नाम है सुकन्या समृद्धि योजना. इस योजना के तहत सरकार बेटी के जन्म से लेकर उसकी पढ़ाई एवं उसकी शादी तक आर्थिक मदद कर रही है. इसके लिए उन्हें 15 लाख रूपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है. लेकिन इस योजना में हालही में सरकार द्वारा कुछ बदलाव किये गये हैं इसकी जानकारी हम आपको इस लेख में दे रहे हैं.

सुकन्या समृद्धि योजना की जानकारी
नाम | सुकन्या समृद्धि योजना |
किसने शुरू की | केंद्र सरकार ने |
कब शुरू की | सन 2014 में |
लाभार्थी | देश की बेटियां |
लाभ | 15 लाख रूपये आर्थिक मदद |
निवेश | न्यूनतम 250 रूपये, अधिकतम 1.50 लाख रूपये |
आवेदन | ऑनलाइन एवं ऑफलाइन |
हेल्पलाइन नंबर | 18002666868 |
सुकन्या समृद्धि योजना में कितने रुपये मिलते है
सुकन्या समृद्धि योजना देश भर चलाई जा रही ऐसी योजना हैं जिसमें बेटी का भविष्य सवारने के लिए सरकार ने अपने हाथों जिम्मा उठाया है. जी हां सरकार बेटी के भविष्य की चिंता को दूर करने के लिए 15 लाख रूपये की सहायता कर रही है. जिसका उपयोग बेटी की पढ़ाई एवं शादी तक में होता है.
कितना निवेश करना होता है
हालांकि सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी के अभिभावकों को कुछ निवेश भी करना होता है. जी हां लाभार्थी के अभिभावकों को बेटी के नाम से बैंक में सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाना होता है. और उसमें हर साल 250 रूपये जमा करना पड़ता है.
कब तक निवेश करना होता है
अब आप सोच रहे होंगे कि यह निवेश कब तक करना होता है. तो आपको बता दें कि यह निवेश उन्हें बेटी के 15 साल के होने तक करना होता है. यह कुल 1.50 लाख रूपये का निवेश होता है. इसके बाद 6 साल तक यह अकाउंट सक्रिय ही रहता है. और फिर जब बेटी 21 साल की हो जाती है तो फिर यह खाता मैच्यूर हो जाता है.
आपको बता दें कि इस योजना में निवेश करने में किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं है क्योकि यह निवेश टैक्स फ्री होता है. और वर्तमान में यह योजना 7.6 % का रिटर्न दे रही है.
सुकन्या समृद्धि योजना में किये गये 5 बदलाव
- सुकन्या समृद्धि योजना में किये गये बदलाव की बात करें तो आपको बता दें कि सरकार ने इस योजना का लाभ एक परिवार की 2 बेटियों को देने का निर्णय लिया था. हालांकि यदि दूसरी बार में जुड़वाँ बेटियां होती हैं, तो तीसरी बेटी के लिए भी खाता खोल सकते थे लेकिन उसका लाभ इनकम टैक्स के सेक्शन 80 सी के तहत नहीं दिया जा रहा था. किन्तु अब इस पाबंदी को हटा दिया गया है, यानि अब तीसरी बेटी को भी टैक्स बेनिफिट मिलेगा.
- इस योजना में बेटी के खाते का संचालन बेटी के 10 वर्ष पूरे होने के बाद किया जाता था, किन्तु अब सरकार ने 18 साल से पहले खाते को संचालित नहीं करने का नियम बनाया है.
- सुकन्या समृद्धि योजना में हर साल जमा किये जाने वाले न्यूनतम 250 रूपये और अधिकतम 1.50 लाख रूपये हैं, में से लाभार्थी के अभिभावक यदि किसी कारण से न्यूनतम राशि जमा नहीं कर पता है, तो उसका अकाउंट पहले डिफाल्टर घोषित कर दिया जाता था. किन्तु अब ऐसा नहीं होगा. आप एक महीने में कभी भी यह पैसा जमा कर सकते हैं और इससे ब्याज दर में भी कोई बदलाव नहीं आयेगा.
- इस योजना में दूसरा बदलाव यह किया गया है कि यदि किसी लाभार्थी बेटी के खाते में ब्याज गलत डल गया है तो उसे अब वापस करने की जरुरत नहीं है. खाते में जितना भी सालाना ब्याज होता है. वह वित्त वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाता है.
- अंतिम बदलाव यह किया गया है कि पहले इस योजना में लाभार्थी का अकाउंट 2 ही स्थिति में प्री-मैच्योर ही बंद कर दिया जाता था. पहला तो यह कि बेटी की समय से पहले मृत्यु को गई हो, और दूसरा कि बेटी की शादी विदेश में हो गई हो. लेकिन अब बेटी का अकाउंट कुछ अन्य कारणों से भी बंद किया जा सकता है. जैसे कि यदि बेटी को कोई खतरनाक बिमारी लग गई हो या फिर बेटी के माता-पिता की मृत्यु हो जाने पर भी यह खाता समय से पहले बंद किया जा सकता है.
तो ये थे सरकार द्वारा इस योजना में किये गये कुछ बदलाव, यदि आप इस योजना के लाभार्थी है, तो इसे जानना आपके लिए बेहद आवश्यक है.
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