E-Janganana 2024: क्या हैं ई-जनगणना, जानिए कैसे होती है डिजिटली जनगणना

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जैसा कि आप सभी अवगत हैं, सरकार द्वारा विभिन्न सरकारी सेवाओं और प्रक्रियाओं को डिजिटल रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। इसी क्रम में, जनगणना को भी अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर करने की पहल की गई है। इस दिशा में, सरकार ने ‘ई-जनगणना’ योजना की शुरुआत की है। इस लेख के माध्यम से आप ‘ई-जनगणना 2022’ योजना के उद्देश्यों, लाभों, विशेषताओं, पात्रता मानदंडों, आवश्यक दस्तावेजों, और आवेदन प्रक्रिया से संबंधित समग्र जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यदि आप ‘ई-जनगणना योजना 2022-23’ के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक हैं, तो कृपया इस लेख को पूरा पढ़ें। यहां ई-जनगणना की प्रमुख विशेषताओं का विवरण तालिका के रूप में प्रस्तुत किया गया है:

E-Janganana 2024: क्या हैं ई-जनगणना, जानिए कैसे होती है डिजिटली जनगणना

E-Janganana 2024

विशेषताविवरण
योजना का नामई-जनगणना
किसने आरंभ कीभारत सरकार
लाभार्थीभारत के नागरिक
उद्देश्यडिजिटल माध्यम से जनगणना करना
आधिकारिक वेबसाइटजल्द लॉन्च की जाएगी
साल2023

Aadhar Card Update Last Date 2024:

ई-जनगणना क्या है

भारत सरकार ने जनगणना को नई तकनीकी ऊँचाइयों तक ले जाने का निर्णय लिया है, जिसके चलते अब जनगणना की प्रक्रिया को डिजिटलीकरण किया जा रहा है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से जनगणना करने की महत्वपूर्ण घोषणा की। यह प्रणाली, जिसे ‘ई-जनगणना’ के नाम से जाना जाता है, से सरकार साल 2024 तक प्रत्येक जन्म और मृत्यु को जनगणना से जोड़ने की योजना बना रही है। इससे जनगणना के आंकड़े ऑटोमैटिक रूप से अपडेट हो सकेंगे।

ई-जनगणना के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया जाएगा, जो डिजिटल माध्यम से जनगणना की सुविधा प्रदान करेगा। इस नवीनीकरण से आने वाले 25 वर्षों के लिए सरकारी नीतियों का निर्माण और अधिक सटीक तरीके से हो सकेगा। भारत में हर दस साल में जनगणना का आयोजन किया जाता है, और अंतिम बार यह 2011 में की गई थी। 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन COVID-19 संक्रमण के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

असम में डायरेक्टरेट ऑफ सेंसस ऑपरेशन बिल्डिंग के उद्घाटन के समय गृह मंत्री ने इस ई-जनगणना की घोषणा की। इस योजना के अंतर्गत, लगभग 50% नागरिकों को मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए स्वयं सर्वेक्षण प्रश्नों का उत्तर देने की सुविधा दी जाएगी, जो जनगणना की प्रक्रिया को सरल और सहज बनाएगी।

ई-जनगणना (डिजिटल जनगणना) के उद्देश्य (Objectives)

ई-जनगणना का प्रमुख उद्देश्य जनगणना की प्रक्रिया को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना है, ताकि इसे अधिक सरल और कुशल बनाया जा सके। इस नई प्रणाली के तहत, सरकारी कर्मचारियों को अब प्रत्येक घर में जाकर जनगणना डेटा एकत्र करने की आवश्यकता नहीं होगी। नागरिक अपने स्मार्टफोन्स के माध्यम से स्वयं अपने डेटा को दर्ज कर सकेंगे। इससे न केवल समय और धन की बचत होगी, बल्कि जनगणना प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

यह योजना नागरिकों को अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी। साथ ही, यह योजना देश के जीवन स्तर को सुधारने के साथ-साथ सरकार को नीति निर्माण के लिए और अधिक सटीक और विश्वसनीय डेटा प्रदान करेगी। इस तरह से ई-जनगणना न केवल आंकड़ों का आधुनिकीकरण करेगी बल्कि इससे जनसांख्यिकीय नीतियों में भी नवीनता आएगी।

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ई-जनगणना लाभ और मुख्य विशेषताएं (Benefits and Key Features)

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में जनगणना के डिजिटलीकरण के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। ई-जनगणना के माध्यम से जनगणना को अधिक तकनीकी और प्रभावी बनाया जा रहा है। इस नवीनीकृत जनगणना प्रक्रिया में सरकार द्वारा कई नई विशेषताएं जोड़ी गई हैं:

  1. डिजिटल प्रक्रिया: ई-जनगणना पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से की जाएगी, जिससे प्रक्रिया में तेजी और सटीकता आएगी।
  2. स्वचालित अपडेट: 2024 तक प्रत्येक जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड स्वचालित रूप से जनगणना डेटाबेस में अपडेट होगा।
  3. सॉफ्टवेयर उपयोग: जनगणना करने के लिए विशेष रूप से विकसित किया गया सॉफ्टवेयर लॉन्च किया जाएगा, जिसे सरकारी विभागों द्वारा भी सहायता प्राप्त होगी।
  4. नीति निर्माण में सहायता: डिजिटल डेटा के आधार पर अगले 25 वर्षों के लिए सरकारी नीतियों का निर्माण हो सकेगा।
  5. नागरिक सहभागिता: देश के लगभग 50% नागरिक अपने मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से स्वयं जनगणना प्रश्नों का उत्तर दे सकेंगे, जिससे जनगणना प्रक्रिया में सुविधा होगी।

इस नवीन ई-जनगणना योजना के माध्यम से भारत सरकार जनगणना की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पार

दर्शी बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है, जिससे न केवल डेटा संग्रहण में आसानी होगी बल्कि भविष्य की नीतियों का निर्माण भी अधिक सटीक होगा।

ई-जनगणना पात्रता मानदंड और आवश्यक दस्तावेज (Eligibility Criteria and Required Documents)

ई-जनगणना में भाग लेने के लिए पात्रता मानदंड और आवश्यक दस्तावेज निम्नलिखित हैं:

  1. पात्रता मानदंड:
  • आवेदक को भारत का स्थाई निवासी होना चाहिए।
  1. आवश्यक दस्तावेज:
  • आधार कार्ड: आवेदक की पहचान और पते की पुष्टि के लिए।
  • निवास प्रमाण पत्र: आवेदक के स्थायी निवास का प्रमाण।
  • आय प्रमाण पत्र: आवेदक की वित्तीय स्थिति का दस्तावेज।
  • आयु का प्रमाण: आवेदक की उम्र सत्यापित करने के लिए दस्तावेज।
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ: आवेदक की हाल की तस्वीर।
  • मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी: संपर्क के लिए विवरण।

ये दस्तावेज और पात्रता मानदंड ई-जनगणना में भागीदारी के लिए अनिवार्य हैं। उपर्युक्त दस्तावेज जमा करने से आपके डेटा की सटीकता सुनिश्चित होती है और प्रक्रिया में आसानी होती है।

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ई-जनगणना आवेदन प्रक्रिया (Application Process)

ई-जनगणना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया फिलहाल विकासाधीन है। सरकार ने इस योजना के डिजिटलीकरण की घोषणा कर दी है और इसे लागू करने के लिए जल्द ही एक विशेष वेबसाइट और मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा। इस वेबसाइट और ऐप के माध्यम से नागरिक सीधे ई-जनगणना में अपना आवेदन दर्ज कर सकेंगे।

सरकार द्वारा जैसे ही आवेदन प्रक्रिया और इससे जुड़ी कोई भी नई जानकारी प्रदान की जाती है, हम इसे आप तक पहुँचाने का प्रयास करेंगे। आपसे अनुरोध है कि अद्यतन जानकारी के लिए आप हमारे लेखों के साथ जुड़े रहें और नवीनतम अपडेट्स के लिए संपर्क में रहें।

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